रविवार, 10 अप्रैल 2016

अभी तो इनको उड़ने दो

अभी तो इनको उड़ने दो।

अभी तो इनको उड़ने दो,
अभी तो इनको खिलने दो!
ये भी हम जैसे हो जाने है,
अभी तो इनको जीने दो!!
ये भी हम.................!!

पेड़ पर इनको चढ़ने दो,
उपवन में इन्हें विचरने दो!
मैदान में इनको कूदने दो,
पोखर में इनको तैरने दो।
ये भी हम............... !!

आकाश में हाथी ढूढने दो,
चन्दा में दूध को देखने दो!
हर बात पर इनको हँसने दो,
बिन बात पर इनको रोने दो!!
ये भी हम................!!

बिन ताल इन्हें थिरकने दो,
बरबस इनको भागने दो!
पेड़ पर इनको पढ़ने दो,
कक्षा में इनको सोने दो!!
ये भी हम.................!!

नाना की बाते करने दो,
दादा के किस्से मढ़ने दो!
माँ से इनको लड़ने दो,
भुआ की गोदी में सोने दो।।
ये भी हम..............।।

छुप के खटाई चूसने दो,
खुल के पिटाई खाने दो!
कक्षा में इनको सोने दो,
मंदिर में इनको रोने दो!!
ये भी हम............!!

शेर सी बाते करने दो,
चूहों से इनको डरने दो।
एक दूजे संग खाने से,
एक नल से पानी पिने दो।।
ये भी हम जेसे......।।
सादर।

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