गुरुवार, 17 दिसंबर 2015

सांसो में  शामिल

सांसो में  शामिल हो, लहु में भी रवाँ हो

लेकिन मेरे हाथों की लकीरो में कहाँ हो

इससे ज़्यादा और क्या दर्द दे हम अपने आप को...!!
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ये काफी है के हम तेरे बिन रहने लगे है...

खूबसूरत हम नहीं....

खूबसूरत हम नहीं....
यकीं मानो..
तुम्हारा इश्क है....
जो नूर बनकर....
हमारी आँखों से छलकता है...

गलत कहते है लोग कि ‪‎सगंत‬ का असर होता है,
वो बरसों मेरे साथ रही फिर भी बेवफ़ा निकली यारो..

रोज़ पिलाता हूँ


हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे;
वो भी पल पल हमें आजमाते रहे;
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया;
हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे।

रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे...
एक दर्द जो दिल में है मरता ही नहीं है ।

रात तकती रही

खूबसूरत हम नहीं....
यकीं मानो..
तुम्हारा इश्क है....
जो नूर बनकर....
हमारी आँखों से छलकता है...

रात तकती रही आंखो मे दिल आरजू करता रहा...
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कोई बे सबर रोता रहा कोई बे खबर सोता रहा..!!

कोई वादा ना कर

कोई वादा ना कर, कोई इरादा ना कर;
ख्वाहिशों में खुद को आधा ना कर;
ये देगी उतना ही जितना लिख दिया
परमात्मा ने;
इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर।।
जिन्दगी की हर सुबह
कुछ शर्ते लेकर आती है।
और जिन्दगी की हर शाम
कुछ तर्जुबे देकर जाती है।
Good  morning

होता अगर मुमकिन तो

"होता अगर मुमकिन तो
तुझे साँस बनाकर रखते सीने में,
तू रुक जाए तो मैं नहीं
और मैं मर जाऊँ तो तू नहीं

झूठ बोलते है वो...
जो कहते हैं,
हम सब मिट्टी से बने हैं
मैं कईं अपनों से वाक़िफ़ हूँ
जो पत्थर के बने हैं 

याद नज़रों से नहीं

दिल बेज़ुबाँ है

शायद इसका यही गुनाह है..

यूँ तो हम अपने आप में गुम थे.............

सच तो ये है की वहाँ भी तुम थे..!!!!!!

जैसा मूड हो वैसा मंजर होता है,

मौसम तो इंसान के अंदर होता है..

हैं अगर दूरिया तो क्या हुआ ....

याद नज़रों से नहीं " दिल से " किया जाता है