गुरुवार, 17 दिसंबर 2015

रात तकती रही

खूबसूरत हम नहीं....
यकीं मानो..
तुम्हारा इश्क है....
जो नूर बनकर....
हमारी आँखों से छलकता है...

रात तकती रही आंखो मे दिल आरजू करता रहा...
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कोई बे सबर रोता रहा कोई बे खबर सोता रहा..!!

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