वेख फरीदा मिट्टी खुली(Qabar)
मिट्टी उठाए मिट्टी ढुली (Laash)
मिट्टी हंसे मिट्टी रोये (insan)
अंत मिट्टी दा मिट्टी होवे (Jism)
ना कर बंदिया मेरी मेरी
ना आए तेरी ना आए मेरी
चार दिन दा मेला दुनिया
फिर मिट्टी दी बन गई ढेरी
ना कर एत्थे हेराफेरी
मिट्टी नाल ना धोखा कर तु
तु भी मिट्टी वो भी मिट्टी
जात पात दी गल ना कर तु
जात भी मिट्टी पात भी मिट्टी
जात सिर्फ खुदा दी ऊँची
बाकी सब कुछ मिट्टी मिट्टी ।।
क्या इन पंक्तियों का किसी गाने में प्रयोग हुआ है
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