गुरुवार, 29 अक्तूबर 2015

मिली थी जिन्दगी


             मिली थी जिन्दगी
      किसी के 'काम' आने के लिए..

           पर वक्त बित रहा है
     कागज के टुकड़े कमाने के लिए..
                              
   क्या करोगे इतना पैसा कमा कर..?
ना कफन मे 'जेब' है ना कब्र मे 'अलमारी..'

       और ये मौत के फ़रिश्ते तो
           'रिश्वत' भी नही लेते...
खुदा की मोहब्बत को फना
कौन करेगा?
सभी बंदे नेक तो गुनाह
कौन करेगा?

"ए खुदा मेरे इन दोस्तो को
सलामत रखना...वरना मेरी
सलामती की दुआ कौन करेगा ?

और रखना मेरे दुश्मनो को
भी मेहफूस ...
वरना मेरी  तेरे पास आने की
दुआ कौन करेगा ?"

खुदा ने मुझसे कहा
"इतने दोस्त ना बना तू ,
धोखा खा जायेगा"

मैने कहा "ए खुदा , तू  ये
मेसेज पढनेवालो से मिल तो सही ,
तू भी धोखे से दोस्त बन
जायेगा ."
नाम छोटा है मगर दिल बडा रखता हु | |

पैसो से उतना अमीर नही हु | |

मगर अपने यारो के गम खरिद ने की हैसयत रखता हु | | |

मुझे ना हुकुम का ईक्का बनना है  ना रानी का बादशाह । हम जोकर ही अच्छे हे। जिस के नसीब में आऐंगे बाज़ी पलट देंगे।♣♥♠♦

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