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गुरुवार, 24 दिसंबर 2015
खवाहिश
खवाहिश नही मुझे
मशहुर होने की।
आप मुझे पहचानते हो
बस इतना ही काफी है।
अच्छे ने अच्छा और
बुरे ने बुरा जाना मुझे।
क्यों की जीसकी जीतनी
जरुरत थी उसने उतना ही
पहचाना मुझे।
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