मंगलवार, 15 दिसंबर 2015

समंदर खुमार का,

पलकों में रुक गया है समंदर खुमार का,
कितना अजिब नशा है ये तेरे इंतज़ार का

मौहब्बत मुझे थी उनसे इतनी सनम यादों में दिल तड़पता रहा मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी कब्र में भी दिल धड़कता रहा !!

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