मशवरा तो देते रहते हो.. .....खुश रहा करो...
कभी कभी वजह भी दे दिया करो...
जब भी अच्छे की शुरूआत होती है थोडा दर्द होता है।
समन्दर मे मोती यूं ही किनारे पर नही मिलता है...!!
इतनी धूल और सीमेंट है
शहरों की हवाओं में आजकल.
.
कब दिल पत्थर का हो जाता है
पता ही नहीं चलता…..
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें